देश में विचारों की कमी नहीं है, श्री मोदी ने कहा कि विचारों को वास्तविकता में बदलने में मदद करने के लिए इसे संरक्षक की आवश्यकता है।
नैसकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। साभार: ट्विटर / @ nasscom |
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारत के स्टार्टअप संस्थापकों से आग्रह किया कि वे सोचें कि कैसे संस्थानों का निर्माण किया जाए और अकेले मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित न किया जाए।
श्री मोदी ने यहां नैसकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि स्टार्टअप्स को केवल एक्जिट स्ट्रेटेजी पर वैल्यूएशन तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। उन्हें एक ऐसी संस्था बनाने के बारे में सोचना चाहिए जो विश्व स्तर के उत्पाद बनाकर इस सदी को रेखांकित कर सकती है जो उत्कृष्टता के वैश्विक बेंचमार्क स्थापित करेगी।
श्री मोदी ने आगे कहा कि देश की बड़ी आबादी आईटी उद्योग की सबसे बड़ी ताकत है क्योंकि लोग नए समाधान अपनाने के लिए उत्सुक हैं।
श्री मोदी ने कहा कि आईटी उद्योग के कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी ग्रामीण बच्चों में पार्श्व सोच विकसित करने के लिए भारत के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकती है।
उन्होंने कहा कि देश को विचारों की कमी नहीं है, उन्होंने कहा कि विचारों को वास्तविकता में बदलने में मदद करने के लिए इसे संरक्षक की आवश्यकता है।
श्री मोदी ने कहा कि आईटी उद्योग को सोशल गुड के लिए समाधान विकसित करना होगा, जो कि देश भर में बिछाए जा रहे विस्तृत ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) नेटवर्क का लाभ उठाएगा।
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