विश्व बैंक ने कहा है कि कोरोनावायरस (कोरोनावायरस वायरस महामारी) के कारण आई महामारी की वजह से पूरी दुनिया में 10 करोड़ से ज्यादा लोग बेहद गरीबी में जीवन गुजारने को मजबूर होंगे।
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वॉशिंगटन: विश्व बैंक (विश्व बैंक) ने कहा है कि कोरोनावायरस (कोरोनावायरस) के कारण आई महामारी की वजह से पूरी दुनिया में 10 करोड़ से ज्यादा लोग बेहद गरीबी में जीवन गुजारने को मजबूर हो जाएंगे। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालवे (विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास) ने यह बात कही।
विश्व बैंक (विश्व बैंक) ने पहले ही अनुमान लगाया था कि कोरोना के कारण 6 करोड़ से अधिक लोग बेहद गरीब हो जाएंगे, लेकिन विश्व बैंक ने अब कहा है कि आंकड़ा 10 करोड़ से अधिक तक पहुंच सकता है। विश्व बैंक ने चेताया है कि अगर महामारी लंबे समय तक रही तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
माल्ट ने कहा कि अमीर देशों को गरीब देशों की मदद के लिए आगे आना पड़ेगा, फिर इतनी बड़ी आबादी को प्रभावित होने से कुछ हद तक 70 किलोमीटर दूर करना होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा करने की आड़ में देश के गरीब देशों का शोषण भी कर सकते हैं।
दुनिया के 20 सबसे अमीर अर्थव्यवस्था वाले देशों ने गरीब और कर्जदार देशों से पैसों की वसूली को इस साल रोक दिया है और उनकी मदद भी कर रहे हैं लेकिन यह काफी नहीं है।
विश्व बैंक ने जून 2021 तक दुनिया के 100 गरीब देशों के लिए 160 बिलियन डॉलर की राहत और मदद की घोषणा की है। इसके बावजूद रोजाना 1.9 डॉलर प्रति दिन की कमाई वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है।
मालवे ने कहा कि इतनी बड़ी आबादी के अनंत होने की बड़ी वजह गोलियों के जाने और खाद्य सप्लाई चैन के सही तरीकों से काम न करना भी है।
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